Satpura Zinc Sulphate Heptahydrate 21% Micronutrient Fertilizer is a high-quality, water-soluble zinc supplement engineered for agricultural use. Each application delivers 21% zinc (Zn) and 15% sulphur (S) in a highly bioavailable form, ensuring rapid absorption and effective correction of zinc and sulphur deficiencies in soil and plant tissue.
जिंक सल्फेट हेप्टा (जिंक सल्फेट हेप्टाहाइड्रेट 21% + सल्फर 15%)
जिंक सल्फेट हेप्टा एक प्रमुख सूक्ष्म पोषक उर्वरक है जिसमें 21% जिंक और 15% सल्फर हेप्टाहाइड्रेट क्रिस्टलीय रूप में उपलब्ध होता है। जिंक एंजाइम क्रिया, क्लोरोफिल निर्माण, परागण और बीज निर्माण के लिए आवश्यक है, जबकि सल्फर प्रोटीन संश्लेषण, तेल निर्माण और फसल की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है। यह उत्पाद फसल की पैदावार बढ़ाने, पोषण की कमी दूर करने और पौधों की कुल सेहत व उत्पादकता को सुधारने में प्रभावी है।
उत्पाद विवरण
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गुण
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विवरण
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उत्पाद का नाम
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जिंक सल्फेट हेप्टा
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तकनीकी नाम
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जिंक सल्फेट हेप्टाहाइड्रेट (Zn 21% + S 15%)
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पोषक तत्व संरचना
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21% जिंक (Zn), 15% सल्फर (S)
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तकनीकी जानकारी
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जल घुलनशील सूक्ष्म पोषक उर्वरक
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क्रिया स्थल
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जिंक और सल्फर की कमी दूर कर फसल की गुणवत्ता और पैदावार में वृद्धि करता है
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उपयुक्त फसलें
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सभी फसलें – अनाज, सब्ज़ियाँ, दलहन, फल, तिलहन, फूल और बागवानी फसलें
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प्रयोग विधि
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मिट्टी में डालना, बेसल एप्लीकेशन, पर्णीय छिड़काव (जरूरत होने पर)
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अनुशंसित मात्रा
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5 किलो प्रति एकड़ (फसल और मिट्टी की स्थिति पर निर्भर)
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लाभ
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फूल, बीज निर्माण, दाना भराव, गुणवत्ता और उपज में सुधार करता है
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पैकिंग आकार
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5 किलो
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भंडारण निर्देश
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सील पैक को ठंडी व सूखी जगह पर रखें, नमी और धूप से बचाएं
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सुरक्षा निर्देश
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दस्ताने और मास्क का प्रयोग करें, साँस व आँखों के संपर्क से बचें
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मुख्य विशेषताएं
· जिंक (21%) : एंजाइम गतिविधि, वृद्धि हार्मोन संतुलन और बीज निर्माण के लिए आवश्यक।
· सल्फर (15%) : तेल और प्रोटीन संश्लेषण में वृद्धि, क्लोरोफिल निर्माण में सहायक।
· जलघुलनशील : कमी लक्षणों को शीघ्र ठीक करता है।
· विस्तृत उपयोग : सभी अनाज, फल, सब्ज़ियाँ और दालों के लिए उपयुक्त।
· कमी सुधारक : धान में खैरा रोग, कपास में लिटिल लीफ, साइट्रस में रोसेटिंग जैसी समस्याओं का समाधान।
लाभ
· फूल बनना, फल लगना और बीज विकास को प्रोत्साहित करता है।
· अनाज में दाने की गुणवत्ता और वजन बढ़ाता है।
· दालों और तिलहनों में तेल व प्रोटीन की मात्रा सुधारता है।
· पोषण से जुड़ी बीमारियों जैसे पत्तियों का पीला होना, रोसेटिंग और वृद्धि रुकना रोकता है।
· तनाव सहनशीलता और बेहतर बाजार योग्य उपज सुनिश्चित करता है।
प्रयोग विधि
· मिट्टी में डालें : 5 किलो प्रति एकड़ बुवाई या वृद्धि की शुरुआत में दें।
· बेसल एप्लीकेशन : अन्य बेसल उर्वरकों के साथ मिलाकर प्रयोग करें।
· पर्णीय छिड़काव : 0.5–1% घोल बनाकर कमी तेजी से दूर करें।